इन तानों का विष कितना जहरीला है?
पीकर मनुज मरता नहीं घुल जाता है।
रोज रोज दें बस एक खुराक बहुत है,
एक दिन वह नीला जरूर पड़ जाता है।
वह शिव नहीं जो गरल कंठ में रोक सके
जीवन भर नीलकंठ नहीं बन पाता है।
मरता नहीं है जीवन भर घुट घुट कर
मौत का मंजर देख देख कर जाता है।
कैसे हो तुम जग वालों जीने भी नहीं देते,
मरने के लिए भी आजाद नहीं हो पाता है।
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