नववर्ष तुम्हें शत शत शुभ हो!
नव प्रात अरुणिमा से बिखरे
खुशियाँ और खुशहाली।
प्रफुल्लित मन से
रखो पग नव दिवस में।
जगमगाते सूर्य की किरणें
उल्लास भरें जीवन में।
हर प्रात तुम्हारी
हो होली सी,
हर संध्या दीवाली बन चमके।
वंदना के स्वर औ'
अर्चना की उमंगों से
जीवन में ईश कृपा
सबको इच्छित वर दे।
फिर भी
नव दिवस पर
कुछ नए संकल्प
मन में भी लीजिये।
इस मनुज जीवन से
कुछ परहित भी कीजिये।
एक पग ऐसे चलें
हाथ में हाथ लेकर
साथ सब उनके रहें
जिनने कुछ खोया है - अभी अभी।
नियति के थपेड़ों से
बच नहीं सकता कोई
फिर भी
उन्हें शांति, धैर्य औ' साहस दे
दें उन्हें साथ होने का अहसास।
हताशा से निकालें
सहारा दें।
हो सकता है कि
हमारा ये प्रयास
जाने-अनजाने ही सही
शक्ति से भर दे उन्हें
एक नयी ऊर्जा दे
नयी दिशा मिलने पर
नया जीवन पाकर
वे
फिर से जी उठेंगे
औ' हम सब का
प्रयास सार्थक हो।
तो नव वर्ष भी सार्थक होगा।
नव प्रात अरुणिमा से बिखरे
खुशियाँ और खुशहाली।
प्रफुल्लित मन से
रखो पग नव दिवस में।
जगमगाते सूर्य की किरणें
उल्लास भरें जीवन में।
हर प्रात तुम्हारी
हो होली सी,
हर संध्या दीवाली बन चमके।
वंदना के स्वर औ'
अर्चना की उमंगों से
जीवन में ईश कृपा
सबको इच्छित वर दे।
फिर भी
नव दिवस पर
कुछ नए संकल्प
मन में भी लीजिये।
इस मनुज जीवन से
कुछ परहित भी कीजिये।
एक पग ऐसे चलें
हाथ में हाथ लेकर
साथ सब उनके रहें
जिनने कुछ खोया है - अभी अभी।
नियति के थपेड़ों से
बच नहीं सकता कोई
फिर भी
उन्हें शांति, धैर्य औ' साहस दे
दें उन्हें साथ होने का अहसास।
हताशा से निकालें
सहारा दें।
हो सकता है कि
हमारा ये प्रयास
जाने-अनजाने ही सही
शक्ति से भर दे उन्हें
एक नयी ऊर्जा दे
नयी दिशा मिलने पर
नया जीवन पाकर
वे
फिर से जी उठेंगे
औ' हम सब का
प्रयास सार्थक हो।
तो नव वर्ष भी सार्थक होगा।