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रविवार, 19 जुलाई 2020

रिश्तों की कहानी !

रिश्ते एक पौध
पलते है जो दिलों में
प्यार का पानी दें,
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे?
हरे भरे हुए वे
जीवन महका करेंगे।

अकेले और सिर्फ
अपने की खातिर
अपने सुख की
खातिर जीना बहुत आसन है,
सोच बदलो
औरतों के लिए भी
जीकर देखो तो वे
बहुत कुछ सिखा देंगे।

पानी किसी भी पौध में दें 
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का हो,
फूल खिलेंगे और महक करेंगे
खुशबू बिखरेगी
बिना भेद के होता है कैसे
गैरों से प्यार दिखाना होगा।
एक हैं सब धरती पर 
अगर सीखने का जज्बा है 
जानने की मर्जी तो है
इंसान से इंसान को जोड़ें हम कैसे
खुदबखुद आ जायेगा ।
इतना छोटा नहीं
इंसान से इंसान का रिश्ता
चीरो जिगर को 
सबमें बस यही सब होगा
जान लेना
मायने रखता है दिल और जिस्म में
धर्म, जाति, गरीब और अमीर के
इस सोच को दूर करना होगा। एक से जज्बात हैं,
वे उस प्यार करते हैं? 
ऐसी इबारत लिख देंगे।

6 टिप्‍पणियां:

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

रिश्तों की फसल सुरक्षित रखनी होगी

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

इंसान से इंसान को
जोड़ें हम कैसे
वे उस प्यार की
ऐसी इबारत लिखा देंगे .
शत शत नमन

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

सोद्देश्य लेखन।

Unknown ने कहा…

हम सब तो रखे है न।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

इंसान ने माँ में फ़र्क़ पैदा कर लिए हैं वरना सब एक हाई हैं ...

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत अर्थपूर्ण रचना।