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मंगलवार, 3 जून 2014

मौत !

मौत तू 
चुपचाप आना 
आहट तेरी सुनकर 
सब काँप जाते हैं। 
जानते हैं हम 
तुझे आना ही है 
एक दिन 
लेकिन 
इतना रहम करना 
झपट कर 
जल्दी से ले जाना। 
दूर से आती 
तेरे आने की सदा 
तेरे  आने तक 
सौ सौ बार 
मेरे संग औरों  को भी 
मारती रहती है। 
इतनी निर्मम 
इतनी निष्ठुर 
रेंग रेंग कर 
धीरे धीरे आती है जब 
थक जाता है 
तेरे  इन्तजार में 
जाने वाला।  
मौत तू जल्दी आना।

2 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

सच कहा अचानक एकदम आ जाए वो ही अच्छी चाहते तो सभी ऐसी ही मौत हैं मगर उसके आगे किसकी चली है

vishaldhamora ने कहा…

बहुत खूब .......... चाहते तो सभी यहीं है की मौत आये तो अचानक आये और ले जाए झपटकर .... जैसे बाज ले जाता है चूजे को .........