चिट्ठाजगत www.hamarivani.com

बुधवार, 1 सितंबर 2010

फिर से पड़ेगा आना !

कान्हा रे कान्हा,

तुम्हें फिर पड़ेगा आना.

महाभारत सा संघर्ष
हर दिशा में छिड़ा है
सत औ' असत की लड़ाई में
सत पर असत अब भारी है.
फिर से गीता के उपदेश
कर्म और योग
योग औ' वैराग्य के
अंतर की  दिशा दिखाना.
फिर द्रोपदी खड़ी है
दुर्योधन के चंगुल में फँसी
उसकी करुण  पुकार
सुनकर ही चले आना.
पांडव हुए हैं मूक
वाचाल कौरवों से
इस धरा को है बचाना.
विदुर औ' भीष्म से
खाली हुई धरा है
कर्ण के करों में
वचन की हथकड़ी हैं .
कुंती के मौन ने भी
बदला है महाभारत
उसकी भटकी दिशा को
दिशा सही दिखाना


कान्हा रे कान्हा
तुम्हें फिर से पड़ेगा आना

16 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ

Udan Tashtari ने कहा…

सुन्दर!

जन्माष्टमी की आप को बहुत बधाई

संजय भास्‍कर ने कहा…

कान्हा रे कान्हा
तुम्हें फिर से पड़ेगा आना


..........बहुत पसन्द आया

shikha varshney ने कहा…

ab to kanha bhi aane se katrayega ..
janmaashtami kee dheron shubhkamnaye.

नीरज गोस्वामी ने कहा…

सही गुहार लगाई है आपने...कान्हा अब नहीं आये तो कब आयेंगे?

नीरज

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

shandaar...........atisundar

जन्माष्टमी की आप को बहुत बधाई!!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

kyun krishn ..... ansuna to nahi karoge n?

राजेश उत्‍साही ने कहा…

हमारी भी यही अर्ज है।

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

अर्ज भी यही है और समय का तकाजा भी यही है. वक्त आ गया की अब इस धरती को दुर्योधनों के चंगुल से बचा लें.

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

अर्ज भी यही है और समय का तकाजा भी यही है. वक्त आ गया की अब इस धरती को दुर्योधनों के चंगुल से बचा लें.

vandana gupta ने कहा…

sahi kah rahi hain aap..........ek baar phir aana padega use.
janmashtmi ki hardik shubhkamnayein.

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरत रचना ...

जन्माष्टमी की शुभकामनायें

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

जन्माष्टमी पर हार्दिक शुभकामनाएं.

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

प्रभावशाली रचना.
जन्माष्टमी की शुभकामनाएं.

rashmi ravija ने कहा…

बहुत बढ़िया कविता है...अब तो कान्हा का ही भरोसा है...

rashmi ravija ने कहा…

नई फोटो बहुत सुन्दर लग रही हैं...