शिक्षा व्यापार
शिक्षण उगाही है
भविष्य काला .
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नील गगन
शांत श्वेत चाँद है
भू ज्वलित सी .
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नेता हो तुम
बहको मत आज
कल कैसा हो?
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वादे ही वादे
ढोल हों या ताशे
भूल जाओगे।
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रात अँधेरी
दिन भी काला काला
ख़ुशी कहाँ हो?
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बेटी जन्मी है
बुझा दो सारे दिये
रौशनी होगी।
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सड़क पर
माँ बाप रहेंगे ही
दिल तंग है।
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7 टिप्पणियां:
बेटी जन्मी है
बुझा दो सारे दिये
रौशनी होगी।
वाह ... इन पंक्तियों ने तो नि:शब्द कर दिया ... आभार
बहुत ही सटीक और सार्थक हाइकु
सादर
बेटी जन्मी है
बुझा दो सारे दिये
रौशनी होगी।... यह सच है , बिल्कुल चाँद सा
सटीक हाइकु
बहुत गहरे हैं
डूब सकते हैं!
बहुत खूब !!
सड़क पर
माँ बाप रहेंगे ही
दिल तंग है।
सटीक हाइकु
बहुत खूब ..
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