शांत आँखों में
छलकते हैं राज
पढ़े तो कोई .
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दीप जले हैं
प्रकाश खो गया है
खोजे तो कोई।
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सीता वो नहीं
अब दुर्गा हो गयी
बच के रहो .
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वो अबला है
गलतफहमी है
चंडी भी तो हैं।
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गंगा शांत है
प्रलय आ जाएगी
क्रुद्ध हुई तो।
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कम न आंको
संहारिणी भी है वो
शांत ही रहे
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11 टिप्पणियां:
वो अबला है
गलतफहमी है
चंडी भी तो हैं।... तो डरो, सचेत रहो
बेहतरीन हाइकु
सादर
कुछ राहें जिंदगी की इस तरह थी
कि पैरों के छाले साफ़ दिखने लगे |....अनु
prabhavshali haaiku
अंजू बहुत सुंदर बात कही !
ganga shant ... pralay kab ayegi..:)
saare behtareen!
गागर में सागर !
बेहतरीन हाइकु
बहुत सुंदर और अपना प्रभाव छोड़ती हाइकु
वाह जी...बहुत खूब!!
संगीता स्वरुप ( गीत ) ने आपकी पोस्ट " हाईकू ! " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:
बहुत सुंदर और अपना प्रभाव छोड़ती हाइकु
लाजवाब हाइकू है सभी ...
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