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शनिवार, 29 सितंबर 2012

प्रेम एक अहसास !

प्रेम 
दिखाना नहीं पड़ता 
हमने तो खोले 
अपने हृदय के द्वार 
बैरी का भूल कर बैर ,
बढे आगे गले लगाने को 
पर ये क्या ? 
वे दिल के द्वार से 
बगल में 
नफरत का हथियार लिए 
मुस्कराते आ गए .
वे समझे 
चेहरे की मुस्कान ही 
हम हकीकत समझ  लेंगे 
पर 
प्रेम वो अहसास है 
जिसे 
दिखाना नहीं होता 
दिल के द्वार पर दस्तक होती है 
बाहर कौन खड़ा है?
नफरत या उल्फत 
वो समझ सकता है। 
फिर अहसास का भुलावा 
कोई दे ही नहीं सकता .
हाँ जानबूझ  कर 
अनजान बने
मापते रहे 
उनके प्यार की गहराई 
उसमें तो नफरत पैबस्त थी,
नजर आ गयी .
जुबान, नज़रें , और दिल
एक साथ जुड़े हैं,
दिल की नफरत 
जुबान पर न सही 
आखों में कहीं 
नजर आ ही जाती है। 
वे समझे धोखा दे दिया।
लेकिन नहीं धोखा हम खाए नहीं,
वे धोखा देने का 
नाटक कर गए 
और हम 
उनकी हकीकत से 
वाकिफ होकर 
सतर्कता से 
उनकी नफरत की इबारत पढ़ गए।
 

11 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

जुबान, नज़रें , और दिल
एक साथ जुड़े हैं,
दिल की नफरत
जुबान पर न सही
आखों में कहीं
नजर आ ही जाती है। .... छुपाने से कुछ देर वहम हो सकता है,पर सच सारी परतें हटा देता है

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

रश्मि प्रभा... ने आपकी पोस्ट " प्रेम एक अहसास ! " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

जुबान, नज़रें , और दिल
एक साथ जुड़े हैं,
दिल की नफरत
जुबान पर न सही
आखों में कहीं
नजर आ ही जाती है। .... छुपाने से कुछ देर वहम हो सकता है,पर सच सारी परतें हटा देता है

सदा ने कहा…

गहन भाव लिये बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

प्रेम है या नफरत कभी छुप नहीं सकते ये एहसास ... गहन अभिव्यक्ति

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (30-09-2012) के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सूचनार्थ!

Unknown ने कहा…

गहन अभिव्यक्ति

Udan Tashtari ने कहा…

ये भाव भला कब छुपे हैं..एक भ्रम पाला जा सकता है बस...उत्तम रचना!!

Rajesh Kumari ने कहा…

बहुत सुन्दर बेहतरीन भाव सच कहा आँखे सब पढ़ लेती हैं नाटक की भाषा भी पढ़ लेती हैं उनसे कोई छल करके कहाँ जाएगा

काव्य संसार ने कहा…

सुंदर प्रेममय रचना |
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काव्य का संसार

Pallavi saxena ने कहा…

यह दोनों ही भाव कभी छुप नहीं सकते और मज़े की की बात तो यह है की यह दोनों ही भाव आँखों से ब्यान हो जाते हैं गहन भाव अभिव्यक्ति...

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

गहन भाव व्यक्त करती
बहुत बेहतरीन रचना...
:-)