राजनीति में
रसूख देखना है
गाड़ी को देखो
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धरा कहती
इंसान से रुक जा
अभी जीना है।
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रिश्तों में अभी
रहने दो गरमी
खून से जुड़ी ।
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सपने टूटे
टुकड़ों को सहेजा
आंसूं चू पड़े।
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सपने मुझे
देखने का हक था
मर्जी उनकी।
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बलात्कार में
कलंक नारी पे है
वे हैं निर्दोष।
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नारी के लिए
विवाह की मर्यादा
शिरोधार्य है।
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सात फेरे है
सिर्फ नारी के लिए
नर आजाद .
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10 टिप्पणियां:
हाइकुओं की सुन्दर प्रस्तुति....! शुभसंध्या!
वाह...बेजोड़
नीरज
सटीक .... बहुत सुंदर हाइकु ...
सात फेरे है
सिर्फ नारी के लिए
नर आजाद . ....बहुत सुन्दर
सात फेरे है
सिर्फ नारी के लिए
नर आजाद .
बढ़िया...सभी हाइकु सटीक
सभी के सभी हाइकू एक से बढ़कर एक | आभार |
नई पोस्ट:- ओ कलम !!
बेहतरीन हाइकु....
बहुत शानदार हाइकू।
बेहद सशक्त लेखन
बहुत सुंदर हाइकु ...
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