चिट्ठाजगत www.hamarivani.com

मंगलवार, 15 मई 2012

हाइकू !

तू मार उसे 
मैं ठेका देता हूँ 
सफेदपोश .
******
दलित बेटी 
सौ करोड़ का घर 
क्या कहने?
******
टूटा दिया हो 
न रिश्ता हो तेल 
रोशनी होगी .
******
कोल्हु का बैल 
मुंह पर मुसका 
बोले क्या खाएं?
******
ये सियासत 
सब कुछ मेरा है 
तू ठग गया।
******
भ्रूण हत्या की 
साजिश हमारी है 
सृष्टि का अंत।
******
गीत ग़ज़ल 
दर्द बयां करते 
वे खामोश हैं। 
******

5 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

क्या बात है...हाईकुओं में पूरी बात कह दी...वाह्ज जी

vandana gupta ने कहा…

सभी हाइकू सार्थक

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

गहन भाव ...सुंदर प्रस्तुति

दिगम्बर नासवा ने कहा…

भ्रूण हत्या की
साजिश हमारी है
सृष्टि का अंत ...

सच कहा है ये श्रृष्टि का अंत ही है ... कुछ शब्दों में बहुत लंबी बात ...

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

इस नई विधा को अपनाने का नया नया प्रयास है, आप सबको पसंद आया इसके लिए हार्दिक धन्यवाद !