निःशब्द हम
दुनियां की रीत से
जीना मना है .
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लड़की होना
अभिशाप हो चुका
वापस चलें .
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बोझ क्यों बनो
धरती के ऊपर
शर्म से मरो .
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राजनीति में
सब कुछ जायज
गिरवी देश .
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घर छोटा है
काले धन के लिए
विदेश चलें
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जो कुर्सी मिली
बौराने लगे लोग
लूट मचा दी .
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जान सस्ती है
कोई भी ले रहा है
पैसा चाहिए .
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परिवार है
बूढ़े बोझ ढो रहे
युवा बन्दूक .
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6 टिप्पणियां:
गागर में सागर
सभी हाइकु बहुत अच्छी ...
आपकी पोस्ट 24/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 889:चर्चाकार-दिलबाग विर्क
सभी हाइकू सार्थक्।
.....बहुत बढ़िया हाइकु
बहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति!
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