चिट्ठाजगत www.hamarivani.com

शनिवार, 18 अक्तूबर 2008

सलाह

मेरे एक कवि मित्र बोले,
ये स्थापित कवि है
इनकी संगति में रहें
आप भी स्थापित हो जाएँगी
मैं असमंजस में
ये स्थापन किसका
मेरा या कलम का
हाथ जोड़कर क्षमा मांगी,
धन्यवाद! बंधुवर
मैं यायावर ही भली
ठहराव बाँध देता है,
यायावरी में विविध दर्शन तो है
फिर लेखन होना ही
अपने में एक स्थापन ही तो है.