क़ानून तेरा
मुझे क्या न्याय देगा ?
खुद करूगी।
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चेहरे ढके
क्या गुनाह छिपेगा ?
धिक्कारते हैं।
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मशालें जलीं
ज्वालामुखी न बनें
हदें जान लो।
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कैद कर दो,
सिफारिशे हो रही
हदें जान लो।
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हमारे लिए
इतिहास की बात
खुद खुदा हैं।
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उड़ाते हैं वे
कीचड हम पर
सने खुद हैं।
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वे चाहते है
हम भटक जाए
इस जंग से .
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इस जंग में
हौसले से लड़ना
जीत हमारी।
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10 टिप्पणियां:
सटीक हाइकु
hausle se bhare hue Haiku..
di tussi great ho :)
Sateek, Samsamayik!!
सामयिक हाइकू!
समसामयिक हाइकु ...
सार्थक समसामयिक हाइकु ,नव वर्ष की बहुत बहुत बधाई
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार (12-1-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!
आत्मविश्वास एवं ओज से लबरेज़ दमदार हाईकू ! बधाई स्वीकार करें !
समय अनुसार सारे हाइकू ...
मशालें जलीं
ज्वालामुखी न बनें
हदें जान लो।
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कैद कर दो,
सिफारिशे हो रही
हदें जान लो।
बेहद सशक्त भाव लिये सभी हाइकू ..
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