पाँच दिवस का पर्व मनायें
मन से सबकी कुशल मनायें।
धन्वंतरि की पूजा करके हम
माँगें आरोग्य का अटल आशीष।
यम के नाम का दीप जलाकर
अकाल मृत्यु से बचें नवाओ शीष।
नरक चतुर्दशी पूजो माँ काली
समुद्र मंथन से प्राप्त विभूति हैं।
अपने मन की मिटाओ कलुषता
सबको मन के प्यार से जीतो ।
दीपावली का पर्व सुखद सुहाना,
हर्ष,उल्लास और उत्साह भरा हो,
जाना उस द्वार पर भी तुम आज,
जहाँ गम के तिमिर ने डाला डेरा हो।
अन्नकूट औ' गोवर्धन पूजा कर ,
सुख सम्पन्नता का सब माँगें वर ।
चलो निभायें ये परम्पराएँ हम ,
छप्पन भोग बना कर घर - घर।
भाई दूज की भी महिमा है भारी,
यमुना चली टीका लेकर यम द्वार।
चित्रगुप्त पूजन कर कलम उठायें
पायें लक्ष्य करके हर बाधा पार।
दीपावली सबको मंगलमय हो ।
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