रिश्ते हैं
एक पौध
पलते है जो
दिल की माटी में,
प्यार का पानी दें,
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे ?
हरे भरे होकर वे
जीवन महका देंगे।
अकेले और सिर्फ
अपनों की खातिर
अपने सुख की खातिर
जीना बहुत आसान है ,
सोच बदलो
औरों के लिए भी
जीकर देखो तो सही
बहुत कुछ सिखा देंगे . .।
पानी किसी भी पौध में दें
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का हो ,
फूल खिलेंगे और महकेंगे
खुशबू बिखरेगी,
बिना भेद के होता कैसे
गैरों से प्यार दिखा देंगे .
इतना छोटा नहीं
इंसान से इंसान का रिश्ता
चीरो जिगर को
सबमें बस वही सब होगा
देख कर जान लेना
फर्क है दिल और जिस्म में
धर्म , जाति , गरीब और अमीर के अंतर पर
इस सोच को पल में मिटा देंगे।
एक हैं सब धरती पर
एक से जज्बात हैं ,
अगर सीखने का जज्बा है
जानने की मर्जी है तो -
कोशिश करें
इंसान से इंसान को
जोड़ने की शिद्दत से ,
वे उस प्यार की
ऐसी इबारत लिखा देंगे .
एक पौध
पलते है जो
दिल की माटी में,
प्यार का पानी दें,
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे ?
हरे भरे होकर वे
जीवन महका देंगे।
अकेले और सिर्फ
अपनों की खातिर
अपने सुख की खातिर
जीना बहुत आसान है ,
सोच बदलो
औरों के लिए भी
जीकर देखो तो सही
बहुत कुछ सिखा देंगे . .।
पानी किसी भी पौध में दें
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का हो ,
फूल खिलेंगे और महकेंगे
खुशबू बिखरेगी,
बिना भेद के होता कैसे
गैरों से प्यार दिखा देंगे .
इतना छोटा नहीं
इंसान से इंसान का रिश्ता
चीरो जिगर को
सबमें बस वही सब होगा
देख कर जान लेना
फर्क है दिल और जिस्म में
धर्म , जाति , गरीब और अमीर के अंतर पर
इस सोच को पल में मिटा देंगे।
एक हैं सब धरती पर
एक से जज्बात हैं ,
अगर सीखने का जज्बा है
जानने की मर्जी है तो -
कोशिश करें
इंसान से इंसान को
जोड़ने की शिद्दत से ,
वे उस प्यार की
ऐसी इबारत लिखा देंगे .
1 टिप्पणी:
अवश्य आती हूँ ।
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