रिश्ते हैं एक पौध
पलते है जो दिलों में
पलते है जो दिलों में
प्यार का पानी दें,
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे ?
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे ?
हरे भरे होकर वे
जीवन महका देंगे।
अकेले और सिर्फ
अपने की खातिर
अपने सुख की खातिर
जीना बहुत आसन है ,
सोच बदलो
औरों के लिए भी
जीकर देखो तो वे
बहुत कुछ सिखा देंगे . .
पानी किसी भी पौध में दें
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का हो ,
फूल खिलेंगे और महकेंगे
खुशबू बिखरेगी
बिना भेद के होता कैसे
गैरों से प्यार दिखा देंगे .
.इतना छोटा नहीं
इंसान से इंसान का रिश्ता
चीरों जिगर को
सबमें बस वही सब होगा
देख कर जान लेना
फर्क है दिल और जिस्म में
धर्म , जाति , गरीब और अमीर के
इस सोच को पल में मिटा देंगे .
एक हैं सब धरती पर
एक से जज्बात हैं ,
अगर सीखने का जज्बा है
जानने की मर्जी है तो
इंसान से इंसान को
जोड़ें हम कैसे
वे उस प्यार की
ऐसी इबारत लिखा देंगे .
5 टिप्पणियां:
पानी किसी भी पौध में दें
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का हो ,
फूल खिलेंगे और महकेंगे
खुशबू बिखरेगी
बिना भेद के होता कैसे
गैरों से प्यार दिखा देंगे .
...बहुत सुन्दर सुविचार .....काश की हम इंसान प्रकृति जैसे आचरण कर पाते ....
बहुत सुंदर और सटीक बात .... प्रेम दिलों को जोड़ देता है ।
यही समझ ले तो मानवता का कल्याण हो जाए !
शिक्षाप्रद शब्द.
अर्थपूर्ण बात कही
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