राजनीति में
मुखौटा पहने हैं
नीचे झाँका क्या?
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संसद में हों
संविधान जेब में
स्वयंभू वे हैं .
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जुबां फिसली
जीभ में हड्डी कहाँ
कुछ भी बोलो?
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मेहनत से
काम करो तो चोरी
हक ही होगा .
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बच्ची मिली है
सड़क के किनारे
क्रूर कौन है?
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उपदेश तो
औरों के लिए होते
घर में नहीं.
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आँसू न रुके
शक्ल बेटी की देख
श्राद्ध कैसे हो?
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पत्थर पूजे
सोचा बेटा ही होगा
बेटी निकली.
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मूर्ति गढ़ी है
इतिहास के लिए
तोड़ो न इन्हें.
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कुर्सी पे बैठ
क्यों बौरा जाते है वे
जमीं न भूलो. .
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6 टिप्पणियां:
bahut khub ...padhne mein acche lage sabhi हाइकू
दीदी मुझे भी सिखने हैं हाइकू :)))
बहुत बढ़िया |
बधाई ||
ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
!!!!!! हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!!!!!
!!!!!!!!!! हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे !!!!!!!!!
ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभ-कामनाएं
बहुत बढ़िया हाइकू |संक्षेप में बहुत कुछ कह जाते हैं |
आशा
अंजू, इस विधा में मेरी गुरु संगीता स्वरूप ही है , उनसे मिलो दिशा दे देंगी.
संसद में हों
संविधान जेब में
स्वयंभू हैं .
रेखा जी ,
आप स्वयं ही बहुत अच्छे हाइकु लिखती हैं ... बस ऊपर वाले में एक परिवर्तन ---अंतिम पंक्ति में चार वर्ण ही बन रहे हैं ...
संसद में हों
संविधान जेब में
स्वयंभू बने ।
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