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शुक्रवार, 2 मार्च 2012

मेरी यायावरी !

यायावरी ने

मुझको इंसान बना दिया।

दुनियाँ के देखे maine

रंग इतने सारे

ki kadam कदम पर

हर इंसान का नया चेहरा दिखा दिया,

यायावरी ने

मुझको संजीदा बना दिया।

रिश्तों के बीच में

परिभाषा क्या होती है?

janma से mile rishte

अर्थ के जाते

kaise badal जाते hain

नए अर्थों को सिखा दिया,

यायावरी ने

मुझको duniyandar बना दिया।

maataaon के chehre kee

geelee see jhurriyan,

दर्द को पीते पिता की

माथे की लकीरों को

परवरिश की कमियों में छुपाते हुए देखा

यायावरी ने

मुझको हकीकत छिपाना सिखा दिया।

बचपन को सड़कों पर

कुछ खोजते हुए देखा

बीमार जननी-जनक की

बीमारी कि खातिर

बोझा उठते बचपन को

बुढ़ाते हुए देखा,

यायावरी ने

मुझको बूढा बचपन दिखा दिया।

बेटियों वाले घर में

बेटा नहीं तो क्या?

बेटियों ने खुद को

बेटा बनाकर दिखा दिया

बेटे के फर्ज को

उन्होंने मुखाग्नि देने तक निभा दिया,

यायावरी ने

मुझको जीवन का नया रंग दिखा दिया।

3 टिप्‍पणियां:

P.N. Subramanian ने कहा…

बहुत सुन्दर. मुझ पर तो फिट बैठता है. यायावरी मैंने जो देखी है.

Udan Tashtari ने कहा…

क्या बात है....बेहतरीन!

Pallavi saxena ने कहा…

वाह बहुत ही बहतरीन प्रस्तुति....एवं हमारी और से आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें