शनिवार, 21 जुलाई 2012

हाइकू !

 शिक्षा व्यापार
शिक्षण उगाही है
भविष्य काला .
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नील  गगन
शांत श्वेत  चाँद है
भू ज्वलित सी .
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नेता  हो  तुम
बहको मत आज
कल कैसा हो?
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वादे ही वादे
ढोल हों या ताशे
भूल जाओगे।
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रात अँधेरी
दिन भी काला काला
ख़ुशी कहाँ हो?
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बेटी जन्मी है 
बुझा दो सारे दिये 
रौशनी होगी।
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सड़क पर 
माँ बाप रहेंगे ही 
दिल तंग है।
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7 टिप्‍पणियां:

  1. बेटी जन्मी है
    बुझा दो सारे दिये
    रौशनी होगी।
    वाह ... इन पंक्तियों ने तो नि:शब्‍द कर दिया ... आभार

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  2. बहुत ही सटीक और सार्थक हाइकु

    सादर

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  3. बेटी जन्मी है
    बुझा दो सारे दिये
    रौशनी होगी।... यह सच है , बिल्कुल चाँद सा

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  4. बहुत गहरे हैं
    डूब सकते हैं!

    बहुत खूब !!

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  5. सड़क पर
    माँ बाप रहेंगे ही
    दिल तंग है।

    सटीक हाइकु

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