शुक्रवार, 13 जुलाई 2012

हाईकू !

शांत आँखों  में 
छलकते हैं राज 
 पढ़े तो कोई .
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दीप  जले हैं 
प्रकाश खो गया  है 
खोजे तो कोई।
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 सीता वो नहीं 
 अब दुर्गा  हो गयी  
 बच  के रहो .
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वो अबला है 
गलतफहमी है
चंडी भी तो हैं।
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 गंगा शांत है 
प्रलय आ जाएगी 
क्रुद्ध हुई तो। 
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 कम न आंको  
संहारिणी भी है वो
शांत ही रहे 
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11 टिप्‍पणियां:

  1. वो अबला है
    गलतफहमी है
    चंडी भी तो हैं।... तो डरो, सचेत रहो

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  2. कुछ राहें जिंदगी की इस तरह थी
    कि पैरों के छाले साफ़ दिखने लगे |....अनु

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  3. बहुत सुंदर और अपना प्रभाव छोड़ती हाइकु

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  4. संगीता स्वरुप ( गीत ) ने आपकी पोस्ट " हाईकू ! " पर एक टिप्पणी छोड़ी है:

    बहुत सुंदर और अपना प्रभाव छोड़ती हाइकु

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