क्या बात है!
इन शब्दों को अक्सर सुना जाता है,
लेकिन
ये वाक्य जेहन में ही आता है,
जब वास्तव में कुछ फ़र्क पड़ता है।
अपने मन बदलने को,
औरों को दिखाने को,
टूट कर सिमटने के भ्रम में जीने को,
या
फिर उस दुख को जीने की हिम्मत बढ़ जाती है।
क्या फ़र्क पड़ता है!
बहुत गहरा अर्थ रखता है।
फ़र्क पड़ने पर,
या कि
एक रिश्ते की नींव दरकने पर,
किसी रिश्ते की चोरी पर,
साथ छूटने पर,
या
रिश्तों में औरों के विष बोने पर
फ़र्क पड़ता है।
हम किसको समझाते हैं,
हम किसको दिखाते हैं,
किस लिए डालते हैं,
एक झूठ का आवरण।
शायद खुद के लिए
क्योंकि
कोई और को वास्तव में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है।
सच स्वीकारो
हाँ हम वहाँ कहते हैं
कि
कोई फ़र्क नहीं पड़ता है!
जहाँ हम केवल इस फ़र्क को जीतते हैं।
इसमें घुला हुआ जहर भी पीते हैं।
इन शब्दों को अक्सर सुना जाता है,
लेकिन
ये वाक्य जेहन में ही आता है,
जब वास्तव में कुछ फ़र्क पड़ता है।
अपने मन बदलने को,
औरों को दिखाने को,
टूट कर सिमटने के भ्रम में जीने को,
या
फिर उस दुख को जीने की हिम्मत बढ़ जाती है।
क्या फ़र्क पड़ता है!
बहुत गहरा अर्थ रखता है।
फ़र्क पड़ने पर,
या कि
एक रिश्ते की नींव दरकने पर,
किसी रिश्ते की चोरी पर,
साथ छूटने पर,
या
रिश्तों में औरों के विष बोने पर
फ़र्क पड़ता है।
हम किसको समझाते हैं,
हम किसको दिखाते हैं,
किस लिए डालते हैं,
एक झूठ का आवरण।
शायद खुद के लिए
क्योंकि
कोई और को वास्तव में कोई फ़र्क नहीं पड़ता है।
सच स्वीकारो
हाँ हम वहाँ कहते हैं
कि
कोई फ़र्क नहीं पड़ता है!
जहाँ हम केवल इस फ़र्क को जीतते हैं।
इसमें घुला हुआ जहर भी पीते हैं।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 08 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
10/11/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
परंतु फ़र्क तो पड़ता ही है।
जवाब देंहटाएंशुद्ध सरसों तेल में यदि जल की कुछ बूंद मिल जाए ,तो निश्चित ही फ़र्क पड़ता तेल की शुद्धता पर..
तुरंत नहीं पर धीरे-धीरे।
आपकी रचना उच्चकोटि की है, कभी मेरे ब्लॉग पर आकर अपना आशीर्वचन प्रदान करें।
प्रणाम।
...किसी और को वाकई
जवाब देंहटाएंकोई फ़र्क नही पड़ता है ।"
वाह! बहुत बढ़िया।
वाह बेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआभार आप सभी को जिन्होंने ब्लॉग पर आकर पढ़ा। हमारी यही इच्छा है कि हम पुनःअपने अपने ब्लॉग पर सक्रीय हों और दूसरों के ब्लॉग पर जाकर पढ़ें भी।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंगहन विचारों को प्रेषित करती सार्थक रचना।
जवाब देंहटाएंSend Valentine's Day Roses Online
जवाब देंहटाएंSend Valentine's Day Gifts Online
Send Teddy Day Gifts Online