सोमवार, 3 दिसंबर 2012

हाईकू !

ज्ञानशून्य है 
आरक्षण की माया 
खुद देख लें।
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अब मिलती 
मानवता धरा पे 
दम तोड़ती .
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आरक्षण दे 
संविधान है पंगु 
वे शक्तिमान .
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कुछ यथार्थ 
इतने कटु होंगे 
फंसे गले में 
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ये बचपन 
रस्सियों के सहारे 
झूल रहा है .
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पेट के लिए 
गिरवी बचपन  
भूखा सो गया . 
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भीख माँगते 
बाप बेटे बेटियां 
धंधा जो है न 
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