गुरुवार, 11 अक्टूबर 2012

हाइकू

 राजनीति में
रसूख देखना है
गाड़ी को देखो
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धरा कहती
इंसान से रुक जा
अभी जीना है।
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रिश्तों में अभी
रहने दो गरमी
खून से जुड़ी ।
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सपने टूटे
टुकड़ों को सहेजा
आंसूं चू पड़े। 
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सपने मुझे 
देखने का हक था 
मर्जी उनकी। 
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बलात्कार में 
कलंक नारी पे है 
वे हैं निर्दोष। 
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नारी के लिए 
विवाह की मर्यादा 
शिरोधार्य है। 
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सात फेरे है 
सिर्फ नारी के लिए 
नर आजाद . 
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10 टिप्‍पणियां:

  1. सात फेरे है
    सिर्फ नारी के लिए
    नर आजाद . ....बहुत सुन्दर

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  2. सात फेरे है
    सिर्फ नारी के लिए
    नर आजाद .

    बढ़िया...सभी हाइकु सटीक

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  3. सभी के सभी हाइकू एक से बढ़कर एक | आभार |

    नई पोस्ट:- ओ कलम !!

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