मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024

हारा हुआ वजूद!

 #हारा हुआ वजूद!


वह चल दिया ,

जब दुनिया से,

कुछ तो रोये,

लहू के आँसू दिल से बहे

खारे आँख से।

एक हारा हुआ इंसान था वो

सब कुछ दे गया,

जो अपने साथ गया 

वो उसके काम थे।

दिया था सब कुछ

जो लिया था जिंदगी से,

कर्ज़ तो उतार कर वह चल दिया।

लज्जित हुआ था,

अपनी निगाह में 

जश्न जीत की मनाया था गैर ने।

देते रहे दिलासा 

जो कुछ अपने न थे,

जिनके लिए जिया

वह जन्म से अपने थे,

ले लिया मुनाफा वज़ूद से

मैय्यत किसी की काम नहीं आती।

दो मुट्ठी मिट्टी भी हम क्यों डालें?

अब तो वह किसी काम न आयेगा।


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