रविवार, 21 जुलाई 2019

एक प्याली चाय !

औरत की इज्जत
एक चाय की प्याली हो गयी
जिसे
जिसने पिया - तो
अकेले नहीं दोस्तों के संग
क्या ये अब
लत बन चुकी है।
जो इंसान के जमीर में
शामिल नहीं है  -
औरत की इज्जत करना।
और समाज उसे
कितनी जलालत भरी
नजर से देखती है,
घुट घुट कर जीने के लिए
मजबूर होती है,
क्योंकि
उस पीड़ा का अहसास 
इस समाज ने
कभी किया ही नहीं होता है ,
उसकी नजर में
इज्जत तो सिर्फ
औरत की ही होती है
और
पुरुष के लिए
एक प्याली चाय है।

शनिवार, 20 जुलाई 2019

रिश्तों की संजीवनी !

रिश्ते हैं
एक पौध
पलते है जो
दिल की माटी में,
प्यार का पानी दें,
हवा तो दिल देता है
फिर देखो कैसे ?
हरे भरे होकर वे
जीवन महका देंगे।

अकेले और सिर्फ
अपनों की खातिर
अपने सुख की खातिर
जीना बहुत आसान है ,
सोच बदलो
औरों के लिए भी
जीकर देखो तो सही
बहुत  कुछ  सिखा देंगे . .।

पानी किसी भी पौध में दें
जरूरी नहीं कि
अपनी ही बगिया का  हो ,
फूल  खिलेंगे और  महकेंगे
खुशबू बिखरेगी,
बिना भेद के होता कैसे
गैरों  से प्यार दिखा देंगे .

इतना छोटा नहीं
इंसान से इंसान का रिश्ता
चीरो जिगर को
सबमें बस वही सब होगा
देख कर जान लेना
फर्क  है दिल और जिस्म में
धर्म , जाति , गरीब और अमीर के अंतर पर
इस सोच को पल में मिटा देंगे।

एक हैं सब धरती पर
एक से जज्बात हैं ,
अगर सीखने का जज्बा है
जानने की मर्जी है तो -
कोशिश करें
इंसान से इंसान को
जोड़ने की शिद्दत से ,
वे उस प्यार की
ऐसी इबारत लिखा देंगे .