hindigen
जीवन में बिखरे धूप के टुकड़े और बादल कि छाँव के तले खुली और बंद आँखों से बहुत कुछ देखा , अंतर के पटल पर कुछ अंकित हो गया और फिर वही शब्दों में ढल कर कागज़ के पन्नों पर. हर शब्द भोगे हुए यथार्थ कीकहानी का अंश है फिर वह अपना , उनका और सबका ही यथार्थ एक कविता में रच बस गया.
शनिवार, 9 सितंबर 2023
शुक्रवार, 25 अगस्त 2023
शुक्रवार, 14 जुलाई 2023
मंगलवार, 6 जून 2023
शुक्रवार, 26 मई 2023
रविवार, 29 जनवरी 2023