tag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post1733847357019243696..comments2023-10-29T07:25:39.792-07:00Comments on hindigen: आत्मा का शाप !रेखा श्रीवास्तवhttp://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post-599363013274345332010-11-19T05:41:01.978-08:002010-11-19T05:41:01.978-08:005/10
पर्यवरण चेतना पर बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.
ह...5/10 <br /><br />पर्यवरण चेतना पर बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति. <br />हम प्रगति कर रहे हैं, लेकिन किस कीमत पर ?<br />कब चेतेंगे ....शायद जब चेतने को कुछ न बचेगा. <br /><br />कविता के रूप में बात जमी नहीं. गद्य के स्वर हैं इसलिए गद्य लेखन में होता तो सही था.उस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post-21246260419983153172010-11-15T21:56:21.430-08:002010-11-15T21:56:21.430-08:00Manoj sir ne sach kaha........:)
Rekha di aapke a...Manoj sir ne sach kaha........:)<br /><br />Rekha di aapke abhivyakti ke kayal hain, sahitya ke har vidha me aap jaandaar ho.....:),,,,,,chahe kavita ho, kahani ho ya sansmaran ya kisi vishay pe aalekh.....<br /><br />U r superb!!मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post-28337616343500124732010-11-15T02:05:31.808-08:002010-11-15T02:05:31.808-08:00वाह , क्या अभिव्यक्ति है . प्रकृति के साथ खिलवाड़ क...वाह , क्या अभिव्यक्ति है . प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके हम किस दिशा में जा रहे है , ये छुपा नहीं है .. सूखती नदिया , गगन चुम्बी इमारते , गहराता पर्यावरण प्रदुषण . देखते है कब तक इस मानवता का नामो निशान रहता है इस धरा पर.ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post-24603955304565419262010-11-15T01:48:40.025-08:002010-11-15T01:48:40.025-08:00सटीक और विचारणीय प्रस्तुति ...इंसान खुद ही विनाश ...सटीक और विचारणीय प्रस्तुति ...इंसान खुद ही विनाश को आमंत्रित कर रहा है प्रकृति से खिलवाड़ करके ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9061804611166351828.post-34647961250639706232010-11-15T01:25:28.946-08:002010-11-15T01:25:28.946-08:00यह कविता लोक जीवन के यथार्थ के चित्रण के कारण महत्...यह कविता लोक जीवन के यथार्थ के चित्रण के कारण महत्वपूर्ण है बल्कि मनुष्यता बोध को उच्चभाव कक्षा में प्रतिष्ठित करने के कारण भी बड़ी हो गई ऐ।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com